हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और ISI जासूसी कांड: एक गहन विश्लेषण
परिचय
हाल ही में, हरियाणा की एक लोकप्रिय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर एक सनसनीखेज खबर ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। 33 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा, जो अपने यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ के लिए जानी जाती हैं, पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आधुनिक युद्ध अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया के प्रभावशाली व्यक्तियों को निशाना बनाकर खुफिया जानकारी एकत्र करने की नई रणनीति ने भारत की खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस लेख में, हम ज्योति मल्होत्रा के मामले, उनके कथित ISI कनेक्शन, और इससे जुड़े व्यापक निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ज्योति मल्होत्रा कौन हैं?
ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली एक 33 वर्षीय ट्रैवल व्लॉगर हैं, जिनका यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स के साथ काफी लोकप्रिय है। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी 1.33 लाख फॉलोअर्स हैं। ज्योति अपने यात्रा वीडियो के लिए जानी जाती हैं, जिनमें वे विभिन्न स्थानों की सैर करते हुए वहां की संस्कृति, भोजन, और जीवनशैली को प्रदर्शित करती हैं। उनकी सामग्री मुख्य रूप से ट्रैवल और लाइफस्टाइल से संबंधित होती है, जो युवा दर्शकों के बीच खासी लोकप्रिय है।
हालांकि, हाल के घटनाक्रमों ने उनकी छवि को पूरी तरह बदल दिया है। 16 मई, 2025 को, हरियाणा पुलिस ने हिसार के न्यू अग्रसैन एक्सटेंशन से ज्योति को गिरफ्तार किया, जब यह खुलासा हुआ कि वे कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में थीं। उनकी गिरफ्तारी ने न केवल उनके प्रशंसकों को हैरान किया, बल्कि यह भी सवाल उठाया कि कैसे एक सामान्य यूट्यूबर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।
जासूसी के आरोप और ऑपरेशन सिंदूर
ज्योति मल्होत्रा पर आरोप है कि वे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जो 7 मई, 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई थी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ संपर्क में थीं। ऑपरेशन सिंदूर का यह अभियान 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिसे इस्लामाबाद ने खारिज कर दिया था। इसके बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच मिसाइल, ड्रोन, और तोपखाने की गोलाबारी हुई, जिसके बाद युद्धविराम हुआ।
पुलिस के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा ने इस अवधि में पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की। उनकी गिरफ्तारी ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धारा 3, 4, और 5, साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत हुई। जांच में यह भी सामने आया कि ज्योति ने अपने मोबाइल फोन और लैपटॉप से महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य, जैसे ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित चैट और हिसार में हुए ब्लैकआउट की चर्चा, को हटाने की कोशिश की थी।
ISI के साथ कथित संबंध
ज्योति मल्होत्रा का ISI के साथ संबंध 2023 में शुरू हुआ, जब वे पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा के लिए गई थीं। वहां उनकी मुलाकात एक पाकिस्तानी अधिकारी, एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जो बाद में भारत द्वारा 13 मई, 2025 को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया। दानिश ने कथित तौर पर ज्योति को पाकिस्तान यात्रा के लिए प्रायोजित किया और उन्हें ISI हैंडलर्स से मिलवाया। जांच में सामने आए व्हाट्सएप चैट्स में ज्योति और ISI अधिकारी अली हसन के बीच कोडेड बातचीत का खुलासा हुआ, जिसमें ‘प्रोटोकॉल’ और ‘अंडरकवर एजेंट’ जैसे शब्दों का उपयोग हुआ। इन चैट्स में अली हसन ने ज्योति से अटारी बॉर्डर पर विशेष प्रोटोकॉल के तहत प्रवेश पाने वाले किसी अंडरकवर एजेंट के बारे में पूछा था।
ज्योति ने कथित तौर पर दानिश के साथ अपनी व्यक्तिगत संबंधों को छिपाने की कोशिश की और शुरुआत में जांच को गुमराह करने का प्रयास किया। जांच एजेंसियों का मानना है कि ISI ज्योति को भारतीय खुफिया एजेंटों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल कर रही थी। इसके अलावा, ज्योति की कई विदेशी यात्राएं, जिनमें पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दुबई, थाईलैंड, नेपाल, और भूटान शामिल हैं, भी जांच के दायरे में हैं। विशेष रूप से, उनकी 2024 की चीन यात्रा और 2023 में बैसाखी उत्सव के लिए पाकिस्तान यात्रा, जो 10 दिनों के बजाय 20 दिनों तक चली, संदेह के घेरे में है।
ज्योति मल्होत्रा की डायरी और सोशल मीडिया
पुलिस ने ज्योति की एक निजी डायरी बरामद की, जिसमें उनके पाकिस्तान दौरे के 11 पेज (8 अंग्रेजी में और 3 हिंदी में) शामिल हैं। डायरी में उन्होंने अपने अनुभव, मुलाकातें, और पाकिस्तान की संस्कृति के बारे में लिखा। एक उल्लेखनीय प्रविष्टि में उन्होंने लिखा, “पाकिस्तान के बारे में जितना कहा जाए, कम है—यह पागलपन भरा और रंगीन है।” इसके अलावा, उन्होंने मंदिरों की सुरक्षा और 1947 में बंटवारे के दौरान बिछड़े परिवारों को मिलाने की बात भी लिखी।
ज्योति के यूट्यूब चैनल पर उनके पाकिस्तान दौरे के कई वीडियो हैं, जिनमें से एक में वे लाहौर के एक रेस्तरां में लोगों के साथ भोजन करती दिखाई देती हैं। एक अन्य वीडियो में, जो राजस्थान के बाड़मेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर फिल्माया गया, उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों के पास रिकॉर्डिंग की, जिसने खुफिया एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया। जांच में यह भी पाया गया कि ज्योति ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा जैसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में संपर्क स्थापित किए थे, जो आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
व्यापक जासूसी नेटवर्क
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। पिछले दो हफ्तों में, पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश से 14 लोग जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से 12 को पिछले तीन दिनों में पकड़ा गया। इनमें उत्तर प्रदेश के रामपुर के एक व्यवसायी शहजाद भी शामिल हैं, जिन्हें ISI के लिए जासूसी और सीमा पार तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। शहजाद ने कथित तौर पर ISI एजेंटों को पैसे दिए और अपने गृहनगर से लोगों को भर्ती किया।
यह जासूसी नेटवर्क न केवल खुफिया जानकारी एकत्र करने तक सीमित था, बल्कि इसका उद्देश्य पाकिस्तान की सकारात्मक छवि को बढ़ावा देना और भारत में भ्रामक कथानक बनाना भी था। हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने कहा, “यह आधुनिक युद्ध है, जो अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाकर ISI नई रणनीति अपना रही है।”
जांच और आगे की कार्रवाई
वर्तमान में, ज्योति मल्होत्रा को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में रखा गया है, और उनकी पूछताछ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), खुफिया ब्यूरो (IB), और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है। उनकी वित्तीय लेनदेन और यात्रा इतिहास की गहन जांच की जा रही है, क्योंकि उनके आय के स्रोत उनकी शानदार यात्राओं के अनुरूप नहीं हैं। उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच भी शुरू की गई है।
जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या ज्योति ने जानबूझकर ISI की मदद की या उन्हें व्यापक जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बनने के लिए हेरफेर किया गया। इसके अलावा, उनके अन्य यूट्यूब प्रभावशाली लोगों के साथ संबंधों की भी जांच की जा रही है, क्योंकि पुलिस को संदेह है कि ISI अन्य प्रभावशाली लोगों को भी निशाना बना सकती है।
परिवार का पक्ष और सामाजिक प्रभाव
ज्योति के पिता, हरीश मल्होत्रा, ने पहले दावा किया था कि उनकी बेटी ने अपने यूट्यूब वीडियो के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि ज्योति ने उन्हें बताया था कि वे दिल्ली जा रही हैं, और उन्हें पाकिस्तान यात्राओं की कोई जानकारी नहीं थी। यह बयान उनके पहले के दावों से पूरी तरह उलट था, जिसने मामले को और जटिल बना दिया।
ज्योति की गिरफ्तारी के बाद, उनका इंस्टाग्राम अकाउंट निष्क्रिय या डिएक्टिवेट हो गया है, और उनके यूट्यूब चैनल पर भी गतिविधि कम हो गई है। इस मामले ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, जहां कुछ लोग उनकी मासूमियत का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे के रूप में देख रहे हैं।
निष्कर्ष
ज्योति मल्होत्रा का मामला भारत के लिए एक चेतावनी है कि आधुनिक युद्ध अब केवल सैन्य टकराव तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग, जो लाखों लोगों तक अपनी पहुंच रखते हैं, अब खुफिया एजेंसियों के लिए आसान निशाना बन रहे हैं। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं, जैसे कि अधिक व्यूज और फॉलोअर्स की चाह, किसी को अनजाने में या जानबूझकर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बना सकती हैं।
ज्योति मल्होत्रा की कहानी अभी पूरी तरह सामने नहीं आई है। जांच चल रही है, और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना है। यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी डिजिटल दुनिया में सुरक्षा और निजता के क्या मायने हैं। क्या ज्योति वास्तव में एक जासूस थीं, या वे केवल एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन यह निश्चित है कि यह मामला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों और सोशल मीडिया की निगरानी पर दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।
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