डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में उछाल: क्या राफेल निर्माता और ऊंचाइयों को छू सकता है?

डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में उछाल: क्या राफेल निर्माता और ऊंचाइयों को छू सकता है?

परिचय

भारतीय वायुसेना द्वारा 7 मई 2025 को किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, राफेल लड़ाकू जेट निर्माता डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। मंगलवार, 20 मई 2025 को पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर डसॉल्ट एविएशन के शेयरों ने 306.60 यूरो प्रति शेयर की इंट्राडे हाई छुई, जो सोमवार को 2% से अधिक की गिरावट के बाद एक उल्लेखनीय रिकवरी थी। यह लेख डसॉल्ट एविएशन के शेयरों की हालिया गतिविधियों, इसके पीछे के कारणों, और भविष्य में इसकी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करता है। साथ ही, हम भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव, राफेल जेट्स की भूमिका, और वैश्विक रक्षा उद्योग के संदर्भ में इस स्टॉक की स्थिति का विश्लेषण करेंगे।

डसॉल्ट एविएशन और राफेल: एक संक्षिप्त परिचय

डसॉल्ट एविएशन एक फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी है, जो विश्व प्रसिद्ध राफेल लड़ाकू जेट्स की निर्माता है। राफेल एक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जो अपनी उन्नत तकनीक, मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन क्षमता, और परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह जेट फ्रांस की वायुसेना के लिए परमाणु निवारण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारत जैसे देशों की रक्षा रणनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत ने हाल ही में फ्रांस के साथ 26 नौसैनिक राफेल जेट्स की खरीद के लिए 63,000 करोड़ रुपये का सौदा किया है, जो भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे। इस सौदे ने डसॉल्ट एविएशन की वैश्विक स्थिति को और मजबूत किया है।

ऑपरेशन सिंदूर और शेयर बाजार पर प्रभाव

7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। इन हमलों में राफेल जेट्स ने स्कैल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर मुनिशन्स का उपयोग किया, बिना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किए। इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, लेकिन साथ ही यह विवादों में भी घिर गया, क्योंकि पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने पांच भारतीय जेट्स, जिनमें तीन राफेल शामिल थे, को मार गिराया।

इन दावों ने डसॉल्ट एविएशन के शेयरों पर तत्काल प्रभाव डाला। सोमवार को कंपनी के शेयर 7% से अधिक गिरकर 292 यूरो तक पहुंच गए। हालांकि, विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के दावों को खारिज किया, यह कहते हुए कि कोई ठोस सबूत नहीं है और मलबे की तस्वीरें मिराज 2000 के ड्रॉप टैंक से संबंधित थीं, न कि राफेल की। इस खबर के बाद, डसॉल्ट के शेयरों ने मंगलवार को 3% से अधिक की रिकवरी दिखाई और 306.60 यूरो तक पहुंच गए।

शेयरों में उतार-चढ़ाव के कारण

  1. पाकिस्तान के दावों का प्रभाव: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने दावा किया कि चीनी निर्मित जे-10 जेट्स ने तीन राफेल जेट्स को मार गिराया। इन दावों ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा की, जिसके परिणामस्वरूप डसॉल्ट के शेयरों में 10% तक की गिरावट आई। हालांकि, विशेषज्ञों ने इन दावों को प्रचार के रूप में खारिज किया, जिसके बाद शेयरों में सुधार देखा गया।
  2. भारत-फ्रांस रक्षा सौदे: हाल के सौदों, विशेष रूप से 26 नौसैनिक राफेल जेट्स की खरीद, ने डसॉल्ट एविएशन के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ाया। यह सौदा कंपनी की वित्तीय स्थिरता और भविष्य की आय की संभावनाओं को दर्शाता है।
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा: ऑपरेशन सिंदूर के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदमपुर वायुसेना अड्डे का दौरा किया, जहां उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। इस दौरे ने निवेशकों के बीच सकारात्मक भावना पैदा की, जिससे डसॉल्ट के शेयरों में तेजी आई।

तकनीकी विश्लेषण: क्या शेयर और ऊपर जाएगा?

मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, डसॉल्ट एविएशन के शेयरों ने मासिक चार्ट पर एक बुलिश हैमर पैटर्न बनाया है, जो खरीदारों के लिए सकारात्मक गति का संकेत देता है। आनंद राठी के वरिष्ठ प्रबंधक (तकनीकी अनुसंधान) गणेश डोंगरे ने कहा कि शेयर ने 280 यूरो के आसपास डबल बॉटम बनाया है, जो एक महत्वपूर्ण समर्थन स्तर के रूप में कार्य कर रहा है।

उन्होंने सुझाव दिया कि शेयर का अगला प्रतिरोध 320 से 330 यूरो के बीच है। निवेशकों को 330 यूरो के अल्पकालिक लक्ष्य के साथ स्टॉक में निवेश करने की सलाह दी गई है, लेकिन 280 यूरो पर स्टॉप लॉस बनाए रखना चाहिए। मेघा इक्विटीज लिमिटेड के तकनीकी विश्लेषक रियांक अरोड़ा ने भी संकेत दिया कि स्टॉक जल्द ही अपने पिछले सर्वकालिक उच्च स्तर 332.20 यूरो को छू सकता है।

डसॉल्ट एविएशन की वित्तीय स्थिति

डसॉल्ट एविएशन ने 2025 में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। कंपनी ने 6.24 बिलियन यूरो का वार्षिक राजस्व और 924 मिलियन यूरो का शुद्ध लाभ कमाया। फ्रांसीसी एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 17.7% की वृद्धि देखी गई, जो डसॉल्ट की स्थिरता को और मजबूत करता है। 2025 में, कंपनी के शेयरों ने 57% की प्रभावशाली रिटर्न दी है, जो राफेल जेट्स के बढ़ते निर्यात और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

राफेल बनाम जे-10: स्टॉक मार्केट में प्रॉक्सी युद्ध?

भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव ने न केवल रक्षा क्षेत्र बल्कि स्टॉक मार्केट में भी एक प्रॉक्सी युद्ध को जन्म दिया है। जहां डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया, वहीं पाकिस्तान के जे-10 जेट्स के निर्माता, चीनी कंपनी एवीआईसी चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयरों में भी भारी अस्थिरता देखी गई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, एवीआईसी चेंगदू के शेयरों में 18% की तेजी आई, लेकिन हाल ही में यह 12% तक गिर गया।

एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि राफेल की तुलना में जे-10 की श्रेष्ठता ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन भारतीय सैन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इन दावों को खारिज कर दिया। रिलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रवि सिंह ने कहा कि डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में एवीआईसी चेंगदू की तुलना में स्पष्ट सापेक्ष ताकत दिखाई देती है, जो निवेशकों के लिए इसे अधिक आकर्षक बनाता है।

वैश्विक रक्षा उद्योग में डसॉल्ट की स्थिति

डसॉल्ट एविएशन वैश्विक रक्षा उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। राफेल जेट्स की मांग न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी बढ़ रही है। फ्रांस की वायुसेना राफेल को अपने परमाणु निवारण कार्यक्रम का आधार बनाती है, और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस कार्यक्रम को पूरे यूरोप तक विस्तार करने की संभावना जताई है।

भारत के साथ हालिया सौदों ने डसॉल्ट की स्थिति को और मजबूत किया है। 36 राफेल जेट्स पहले से ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में हैं, और नौसेना के लिए 26 अतिरिक्त जेट्स की खरीद कंपनी के लिए दीर्घकालिक राजस्व की गारंटी देती है। इसके अलावा, कंपनी की तकनीकी नवाचार, जैसे मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन, राफेल को आधुनिक युद्ध के लिए एक पसंदीदा विकल्प बनाते हैं।

निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए, निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है:

  1. तकनीकी संकेतक: बुलिश हैमर पैटर्न और 280 यूरो का समर्थन स्तर स्टॉक में सकारात्मक गति का संकेत देता है। 320-330 यूरो का प्रतिरोध स्तर एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
  2. जोखिम प्रबंधन: विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को 280 यूरो पर स्टॉप लॉस सेट करना चाहिए ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके।
  3. भू-राजनीतिक कारक: भारत-पाकिस्तान तनाव और रक्षा सौदों की खबरें स्टॉक की अस्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों को इन घटनाओं पर नजर रखनी चाहिए।
  4. वैश्विक रक्षा मांग: राफेल जेट्स की बढ़ती मांग और डसॉल्ट की मजबूत वित्तीय स्थिति इसे दीर्घकालिक निवेश के लिए आकर्षक बनाती है।

निष्कर्ष

डसॉल्ट एविएशन के शेयरों ने हाल के उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूत रिकवरी दिखाई है, जो कंपनी की ठोस वित्तीय स्थिति और राफेल जेट्स की वैश्विक मांग को दर्शाता है। ऑपरेशन सिंदूर और भारत-फ्रांस रक्षा सौदों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे स्टॉक में सकारात्मक गति बनी है। हालांकि, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और प्रतिस्पर्धी कंपनियों, जैसे एवीआईसी चेंगदू, की गतिविधियां स्टॉक की अस्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।

निवेशकों के लिए, डसॉल्ट एविएशन एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है, लेकिन सावधानीपूर्वक जोखिम प्रबंधन और बाजार के रुझानों पर नजर रखना जरूरी है। क्या डसॉल्ट अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 332.20 यूरो को पार कर सकता है? यह समय और वैश्विक घटनाक्रम पर निर्भर करेगा।

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Source mint

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