Hera Pheri 3: Paresh Rawal Ke Exit Aur Bollywood Ke Badalte Ran
हिंदी सिनेमा के प्रशंसकों के लिए एक चौंकाने वाली खबर ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं, जब यह घोषणा की गई कि पौराणिक कॉमेडी फ्रैंचाइज़ी “हेरा फेरी” के तीसरे भाग, यानी “हेरा फेरी 3” से दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने खुद को अलग कर लिया है। परेश रावल, जिन्हें इस फ्रैंचाइज़ी में अपने किरदार बाबूराव गणपतराव आप्टे (जिसे प्यार से “बाबू भैया” कहा जाता है) के लिए जाना जाता है, ने हाल ही में अपने इस निर्णय की पुष्टि की। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय रचनात्मक मतभेदों के कारण नहीं है, जैसा कि पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था। इस लेख में, हम परेश रावल के इस निर्णय, “हेरा फेरी” फ्रैंचाइज़ी के महत्व, और इसके भविष्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
परेश रावल का बयान: कोई रचनात्मक मतभेद नहीं
18 मई 2025 को, परेश रावल ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर अपने प्रशंसकों और मीडिया के बीच चल रही अटकलों को स्पष्ट किया। उन्होंने लिखा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरा ‘हेरा फेरी 3’ से अलग होने का निर्णय रचनात्मक मतभेदों के कारण नहीं है। मैं यह दोहराना चाहता हूं कि मेरे और फिल्म के निर्देशक श्री प्रियदर्शन के बीच कोई रचनात्मक असहमति नहीं है। मैं प्रियदर्शन जी के लिए बहुत सम्मान, प्यार और विश्वास रखता हूं।” इस बयान ने उन शुरुआती रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि परेश रावल और फिल्म के निर्माताओं के बीच रचनात्मक मतभेद थे।
“मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरा ‘हेरा फेरी 3’ से अलग होने का निर्णय रचनात्मक मतभेदों के कारण नहीं है। मैं प्रियदर्शन जी के लिए बहुत सम्मान, प्यार और विश्वास रखता हूं।” – परेश रावल
परेश रावल का यह बयान न केवल उनके प्रशंसकों के लिए राहत की बात है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उनका निर्णय व्यक्तिगत या पेशेवर कारणों से हो सकता है, जिसे उन्होंने सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया। यह स्थिति निश्चित रूप से प्रशंसकों के मन में कई सवाल छोड़ती है, जैसे कि क्या “हेरा फेरी 3” बिना बाबूराव के अपने मूल जादू को बरकरार रख पाएगी?
“हेरा फेरी” फ्रैंचाइज़ी का महत्व
“हेरा फेरी” (2000) और इसका सीक्वल “फिर हेरा फेरी” (2006) हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित कॉमेडी फिल्मों में से एक हैं। प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित पहली फिल्म में अक्षय कुमार (राजू), सुनील शेट्टी (श्याम), और परेश रावल (बाबूराव) की तिकड़ी ने दर्शकों को हंसी के ठहाकों के साथ बांधे रखा। फिल्म की कहानी तीन अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक गलतफहमी और फिरौती के कॉल के कारण एक हास्यास्पद साहसिक कार्य में फंस जाते हैं।
फिल्म की सफलता का एक बड़ा कारण था इसके किरदारों की अनूठी केमिस्ट्री और उनके बीच का तालमेल। खासकर, परेश रावल का बाबूराव का किरदार, जिसके डायलॉग्स जैसे “ये बाबूराव का स्टाइल है” और “उठा ले रे बाबा” आज भी लोगों की जुबान पर हैं। बाबूराव का किरदार न केवल हास्य का केंद्र था, बल्कि उसमें एक ऐसी सादगी और मासूमियत थी, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
2006 में रिलीज हुआ सीक्वल “फिर हेरा फेरी” भी उतना ही सफल रहा। इस बार नीरज वोरा ने निर्देशन की कमान संभाली, और फिल्म ने उसी तिकड़ी को नए रोमांच में डाल दिया। हालांकि, दूसरी फिल्म को कुछ आलोचकों ने पहली फिल्म की तुलना में कमजोर माना, फिर भी यह बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और प्रशंसकों के बीच आज भी उतनी ही लोकप्रिय है।
“हेरा फेरी” की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके डायलॉग्स और सीन्स आज भी मीम्स और सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
परेश रावल का योगदान और बाबूराव का जादू
परेश रावल का बाबूराव का किरदार “हेरा फेरी” फ्रैंचाइज़ी की आत्मा माना जाता है। उनकी कॉमिक टाइमिंग, अनोखा अंदाज, और किरदार की सादगी ने बाबूराव को भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार किरदारों में से एक बना दिया। चाहे वह उनका “25 दिन में पैसा डबल” वाला डायलॉग हो या फिर “मैं तो बहुत बड़ा बिजनेसमैन हूं” जैसी लाइनें, परेश रावल ने इस किरदार को अमर कर दिया।
परेश रावल ने न केवल “हेरा फेरी” में, बल्कि कई अन्य फिल्मों में भी अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया है। “ओह माय गॉड”, “संजू”, और “टाइगर जिंदा है” जैसी फिल्मों में उनके गंभीर और हास्य दोनों तरह के किरदारों ने दर्शकों का दिल जीता। लेकिन बाबूराव का किरदार उनके करियर का एक ऐसा पड़ाव है, जिसने उन्हें हर घर में पहचान दिलाई।
परेश रावल के बिना “हेरा फेरी 3” की कल्पना करना मुश्किल है। उनके इस किरदार ने न केवल दर्शकों को हंसाया, बल्कि एक ऐसी छाप छोड़ी, जिसे दोहराना किसी भी अन्य अभिनेता के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
क्या है परेश रावल के Exit की वजह?
हालांकि परेश रावल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका निर्णय रचनात्मक मतभेदों के कारण नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने इस कदम के पीछे का सटीक कारण नहीं बताया। इससे प्रशंसकों और मीडिया में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कुछ का मानना है कि यह निर्णय व्यक्तिगत कारणों से हो सकता है, जबकि कुछ का कहना है कि शायद परेश रावल अब नए और अलग तरह के किरदारों को निभाना चाहते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, परेश रावल ने कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं, और वह अपनी अभिनय कला को लगातार निखारते रहे हैं। यह भी संभव है कि वह अब एक ही तरह के किरदार को बार-बार दोहराने से बचना चाहते हों। बाबूराव का किरदार, हालांकि प्रतिष्ठित है, लेकिन शायद परेश रावल के लिए अब यह किरदार अपनी रचनात्मक संतुष्टि को पूरा करने में सक्षम नहीं रहा।
इसके अलावा, “हेरा फेरी 3” के प्री-प्रोडक्शन में कई बार बदलाव हुए हैं। पहले यह फिल्म कई सालों तक अटकी रही, और निर्देशकों और स्क्रिप्ट में बदलाव की खबरें भी सामने आई थीं। ऐसे में, परेश रावल का यह निर्णय शायद इस प्रोजेक्ट की अनिश्चितता से भी प्रभावित हो सकता है।
क्या पंकज त्रिपाठी भर सकते हैं बाबूराव की जगह?
परेश रावल के इस निर्णय के बाद, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह सुझाव दिया गया है कि पंकज त्रिपाठी को बाबूराव के किरदार के लिए विचार किया जा सकता है। पंकज त्रिपाठी, जो “मिर्जापुर”, “स्त्री”, और “लूडो” जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं, निश्चित रूप से एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और किरदार में गहराई लाने की क्षमता ने उन्हें आज के समय के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक बना दिया है।
हालांकि, प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि बाबूराव का किरदार परेश रावल के बिना अधूरा है। पंकज त्रिपाठी निश्चित रूप से इस किरदार को अपने अनूठे अंदाज में निभा सकते हैं, लेकिन क्या वह उस जादू को दोहरा पाएंगे, जो परेश रावल ने बाबूराव को दिया था? यह एक बड़ा सवाल है।
पंकज त्रिपाठी की अपनी एक अलग शैली है, और अगर वह बाबूराव का किरदार निभाते हैं, तो शायद वह इसे एक नया रंग दे सकते हैं। लेकिन प्रशंसकों के लिए परेश रावल की जगह लेना आसान नहीं होगा।
प्रियदर्शन और “हेरा फेरी 3” का भविष्य
प्रियदर्शन, जिन्होंने पहली “हेरा फेरी” का निर्देशन किया था, इस तीसरे भाग के लिए फिर से निर्देशक की कुर्सी संभाल रहे हैं। उनकी कॉमेडी फिल्मों की शैली, जिसमें तेज-तर्रार डायलॉग्स और हास्यास्पद परिस्थितियां शामिल होती हैं, ने हमेशा दर्शकों का मनोरंजन किया है। “हेरा फेरी”, “भूल भुलैया”, और “गरम मसाला” जैसी फिल्मों में उनका निर्देशन दर्शकों को हमेशा पसंद आया है।
परेश रावल ने प्रियदर्शन के लिए अपने सम्मान को दोहराया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके बीच कोई व्यक्तिगत या पेशेवर अनबन नहीं है। लेकिन बाबूराव के बिना इस फ्रैंचाइज़ी को आगे ले जाना प्रियदर्शन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस किरदार को कैसे हैंडल करते हैं और क्या वह इस फ्रैंचाइज़ी के मूल जादू को बरकरार रख पाते हैं।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया
परेश रावल के “हेरा फेरी 3” से हटने की खबर ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। कई प्रशंसकों ने निराशा व्यक्त की, जबकि कुछ ने इस बात पर जोर दिया कि बाबूराव के बिना यह फिल्म अधूरी होगी। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कई यूजर्स ने लिखा कि “बाबूराव के बिना हेरा फेरी वही है जैसे बिना नमक का खाना।” कुछ प्रशंसकों ने यह भी सुझाव दिया कि निर्माताओं को परेश रावल को मनाने की कोशिश करनी चाहिए।
वहीं, कुछ लोगों ने पंकज त्रिपाठी के नाम का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहेंगे कि पंकज त्रिपाठी को एक नया किरदार दिया जाए, न कि बाबूराव की जगह। सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर है कि क्या “हेरा फेरी 3” अपने मूल कलाकारों के बिना वही हंसी और मनोरंजन दे पाएगी।
बॉलीवुड में बदलाव और चुनौतियां
“हेरा फेरी 3” का यह घटनाक्रम बॉलीवुड में हो रहे बड़े बदलावों का एक हिस्सा है। हाल के वर्षों में, बॉलीवुड ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। महामारी के बाद, दर्शकों की रुचि और सिनेमा देखने की आदतों में बदलाव आया है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने भी फिल्म इंडस्ट्री के परिदृश्य को बदल दिया है। ऐसे में, “हेरा फेरी” जैसी फ्रैंचाइज़ी को फिर से जीवंत करना निर्माताओं के लिए एक जोखिम भरा कदम है।
इसके अलावा, दर्शकों की उम्मीदें भी बहुत अधिक हैं। “हेरा फेरी” और “फिर हेरा फेरी” ने जो बेंचमार्क सेट किया है, उसे पार करना आसान नहीं होगा। परेश रावल जैसे महत्वपूर्ण कलाकार का बाहर होना इस चुनौती को और बढ़ा देता है।
निष्कर्ष
परेश रावल का “हेरा फेरी 3” से बाहर होना निश्चित रूप से इस फ्रैंचाइज़ी के प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका है। बाबूराव का किरदार हिंदी सिनेमा के सबसे प्रिय और यादगार किरदारों में से एक है, और परेश रावल ने इसे अपने अभिनय से अमर कर दिया। हालांकि, उनके इस निर्णय ने कई सवाल खड़े किए हैं, जैसे कि क्या यह फ्रैंचाइज़ी बिना बाबूराव के अपने जादू को बरकरार रख पाएगी? क्या पंकज त्रिपाठी जैसे अभिनेता इस किरदार को नया आयाम दे पाएंगे? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या प्रियदर्शन इस फिल्म को उसी हास्य और मनोरंजन के साथ पेश कर पाएंगे, जिसके लिए “हेरा फेरी” जानी जाती है?
यह सब समय ही बताएगा। लेकिन एक बात निश्चित है – “हेरा फेरी” और बाबूराव का जादू हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेगा। किशनबरैया.कॉम पर हम आपके लिए ऐसी ही रोचक और मनोरंजक खबरें लाते रहेंगे। अपने विचार हमें कमेंट्स में जरूर बताएं!
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया, 18 मई 2025