रामायण फिल्म: रणबीर कपूर और यश के बीच कम स्क्रीन टाइम क्यों?

रामायण फिल्म: रणबीर कपूर और यश के बीच कम स्क्रीन टाइम क्यों?

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक धरोहर का हिस्सा बन जाती हैं। नितेश तिवारी की आगामी फिल्म रामायण ऐसी ही एक परियोजना है, जिसने अपने घोषणा के क्षण से ही दर्शकों के बीच उत्साह और प्रत्याशा की लहर पैदा कर दी है। इस फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम की भूमिका में हैं, साई पल्लवी माता सीता के किरदार में नजर आएंगी, और कन्नड़ सुपरस्टार यश रावण की भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन हाल ही में एक खबर ने सबका ध्यान खींचा है—यह कि रणबीर कपूर और यश, यानी भगवान राम और रावण, फिल्म के पहले भाग में एक-दूसरे के साथ ज्यादा स्क्रीन टाइम साझा नहीं करेंगे। यह खबर न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि फिल्म के कथानक और रचनात्मक दृष्टिकोण को लेकर कई सवाल भी उठाती है। इस लेख में हम इस निर्णय के पीछे की वजह, फिल्म की निर्माण प्रक्रिया, और इसके सांस्कृतिक महत्व पर विस्तार से बात करेंगे।

Ranbir Kapoor's Lord Ram and Yash as Raavan won't share much screen time in Ramayana, here's why?

रामायण: एक सिनेमाई महाकाव्य

रामायण, भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन कथाओं में से एक है, जिसने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप बल्कि विश्व भर में लोगों के दिलों को छुआ है। वाल्मीकि द्वारा रचित यह महाकाव्य धर्म, कर्तव्य, प्रेम, और बलिदान की कहानी है, जो हजारों वर्षों से प्रेरणा का स्रोत रही है। नितेश तिवारी, जो अपनी संवेदनशील कहानी कहने की शैली के लिए जाने जाते हैं (दंगल और छिछोरे जैसी फिल्मों के लिए), अब इस महाकाव्य को बड़े पर्दे पर लाने की तैयारी कर रहे हैं। यह फिल्म दो भागों में रिलीज होगी—पहला भाग 2026 में दीवाली के मौके पर और दूसरा भाग 2027 में दीवाली पर।

फिल्म के निर्माता नमित मल्होत्रा, जो डीएनईजी (DNEG) और प्राइम फोकस जैसी विश्व-स्तरीय विजुअल इफेक्ट्स कंपनियों के मालिक हैं, इस परियोजना को एक वैश्विक सिनेमाई अनुभव बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। रामायण को न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक दर्शकों के लिए भी एक भव्य और आधुनिक सिनेमाई प्रस्तुति के रूप में देखा जा रहा है। इसमें विश्व-स्तरीय विजुअल इफेक्ट्स, शानदार सेट्स, और एक तारकीय स्टार कास्ट शामिल है, जिसमें सनी देओल (हनुमान), लारा दत्ता (कैकेयी), और अरुण गोविल (राजा दशरथ) जैसे कलाकार शामिल हैं।

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रणबीर और यश का कम स्क्रीन टाइम: क्यों लिया गया यह निर्णय?

सबसे बड़ा सवाल जो दर्शकों के मन में उठ रहा है, वह यह है कि आखिर क्यों रणबीर कपूर और यश, जो इस फिल्म के दो सबसे बड़े सितारे हैं, एक-दूसरे के साथ ज्यादा स्क्रीन टाइम साझा नहीं करेंगे? इसका जवाब फिल्म की रचनात्मक दृष्टि और वाल्मीकि रामायण के मूल पाठ में छिपा है।

प्रोडक्शन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नितेश तिवारी और उनकी टीम ने यह रचनात्मक निर्णय लिया है कि वे मूल वाल्मीकि रामायण के कथानक के प्रति पूरी तरह से वफादार रहेंगे। वाल्मीकि रामायण में भगवान राम और रावण का सामना अधिकांश कहानी में नहीं होता। दोनों के संसार अलग-अलग हैं, और उनकी कहानियाँ समानांतर रूप से चलती हैं, जब तक कि नियति उन्हें लंका के युद्धक्षेत्र में आमने-सामने नहीं लाती। राम को रावण के अस्तित्व का पता तब चलता है, जब रावण माता सीता का अपहरण करता है, और दोनों का पहला प्रत्यक्ष टकराव लंका में युद्ध के दौरान होता है।

नितेश तिवारी का यह निर्णय कि राम और रावण को पहले भाग में एक-दूसरे के सामने कम लाया जाए, कहानी को और गहराई देता है। यह दर्शकों में उनके अंतिम टकराव के लिए उत्साह और प्रत्याशा को बढ़ाता है। राम, जो धर्म और सत्य के प्रतीक हैं, और रावण, जो अहंकार और शक्ति से प्रेरित हैं, दोनों की कहानियाँ स्वतंत्र रूप से विकसित होती हैं, जिससे उनके किरदारों की गहराई और उनके अंतिम युद्ध का प्रभाव और भी शक्तिशाली हो जाता है।

इसके अलावा, इस निर्णय के पीछे कुछ व्यावहारिक कारण भी हैं। रणबीर कपूर ने पहले भाग के लिए अपनी शूटिंग पूरी कर ली है, जबकि यश ने मई 2025 में उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने के बाद अपनी शूटिंग शुरू की। रणबीर इस समय संजय लीला भंसाली की फिल्म लव एंड वॉर में भी व्यस्त हैं, जिसमें वे विक्की कौशल और आलिया भट्ट के साथ काम कर रहे हैं। इस फिल्म के लिए रणबीर का एक खास लुक है, जिसके कारण उनके लिए रामायण के लिए बार-बार लुक बदलना संभव नहीं है। प्रोडक्शन में देरी और शेड्यूलिंग की चुनौतियों ने भी इस निर्णय को प्रभावित किया है।

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रचनात्मक गहराई और कहानी का प्रभाव

राम और रावण को अलग रखने का निर्णय केवल एक तकनीकी या शेड्यूलिंग का मसला नहीं है, बल्कि यह एक रचनात्मक कदम है जो कहानी को और भी प्रभावशाली बनाता है। रामायण की कहानी दो विपरीत ध्रुवों—धर्म और अधर्म—के बीच का टकराव है। राम का जीवन धर्म, कर्तव्य, और त्याग से भरा हुआ है, जबकि रावण की कहानी शक्ति, अहंकार, और महत्वाकांक्षा की है। इन दोनों किरदारों को अलग-अलग रखकर, नितेश तिवारी दर्शकों को दोनों के व्यक्तित्व और उनकी यात्रा को गहराई से समझने का मौका दे रहे हैं।

राम की कहानी अयोध्या से शुरू होती है, जहां वे एक आदर्श पुत्र, भाई, और पति के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। उनका वनवास, सीता के साथ उनका प्रेम, और उनके जीवन में आने वाली चुनौतियाँ दर्शकों को उनके धैर्य और नैतिकता से जोड़ती हैं। दूसरी ओर, रावण की कहानी लंका के वैभवशाली साम्राज्य में शुरू होती है, जहां वह एक शक्तिशाली, बुद्धिमान, लेकिन अहंकारी राजा के रूप में उभरता है। उसका सीता का अपहरण और उसकी बहन सूपर्णखा के अपमान का बदला लेने की इच्छा उसे एक जटिल खलनायक बनाती है।

यह समानांतर कहानी कहने की शैली दर्शकों को दोनों किरदारों के दृष्टिकोण को समझने का अवसर देती है। रावण को केवल एक खलनायक के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे चरित्र के रूप में देखा जाता है, जो अपनी बहन के प्रति प्रेम और अपने अहंकार के कारण गलत रास्ते पर चला जाता है। कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने भी रावण के किरदार को लेकर कहा था कि वह प्रेम और बदले की भावना से प्रेरित था, जिसे यश जैसे अभिनेता शानदार ढंग से पर्दे पर उतार सकते हैं।

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स्टार कास्ट और उनके किरदार

रामायण की स्टार कास्ट इस फिल्म को और भी खास बनाती है। रणबीर कपूर, जो अपनी वर्सेटाइल एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं, भगवान राम की भूमिका में हैं। रणबीर ने इस किरदार के लिए गहन तैयारी की है, जिसमें तीरंदाजी और वॉइस ट्रेनिंग शामिल है। नितेश तिवारी चाहते हैं कि रणबीर की आवाज इस किरदार में उनके पिछले किरदारों से अलग हो, ताकि दर्शक उन्हें पूरी तरह से भगवान राम के रूप में देख सकें।

साई पल्लवी, जो अपनी सशक्त अभिनय शैली के लिए जानी जाती हैं, माता सीता की भूमिका में हैं। उनकी सादगी और गहराई इस किरदार को जीवंत करने में मदद करेगी। यश, जो KGF सीरीज के बाद एक पैन-इंडिया स्टार बन चुके हैं, रावण की भूमिका में हैं। यश ने एक साक्षात्कार में कहा था कि रावण का किरदार उनके लिए सबसे रोमांचक है, क्योंकि इसमें कई शेड्स और गहराई है। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस प्रोजेक्ट में सह-निर्माता के रूप में भी शामिल हैं, क्योंकि वे इस कहानी को वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं।

सनी देओल हनुमान की भूमिका में हैं, और उनकी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस इस किरदार को और भी प्रभावशाली बनाएगी। लारा दत्ता कैकेयी की भूमिका में हैं, जबकि अरुण गोविल, जो रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम की भूमिका निभा चुके हैं, राजा दशरथ के किरदार में नजर आएंगे।

प्रोडक्शन और विजुअल इफेक्ट्स

रामायण को एक सिनेमाई चमत्कार बनाने के लिए नमित मल्होत्रा की कंपनी डीएनईजी विश्व-स्तरीय विजुअल इफेक्ट्स पर काम कर रही है। फिल्म के सेट्स मुंबई में बनाए गए हैं, जो अयोध्या और लंका के वैभव को जीवंत करते हैं। प्री-प्रोडक्शन में 3D स्कैन और लुक टेस्ट जैसे कई चरण शामिल थे, ताकि हर किरदार और सेट प्रामाणिक और भव्य दिखे।

नमित मल्होत्रा ने अपने इंस्टाग्राम पर फिल्म के पोस्टर के साथ लिखा था, “पिछले एक दशक से मैं इस महाकाव्य को बड़े पर्दे पर लाने की कोशिश कर रहा हूँ। हमारा उद्देश्य है कि इसे सबसे प्रामाणिक, पवित्र, और दृश्यात्मक रूप से शानदार ढंग से प्रस्तुत किया जाए।” यह फिल्म न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाएगी, बल्कि इसे वैश्विक दर्शकों के लिए एक आधुनिक सिनेमाई अनुभव बनाएगी।

सांस्कृतिक महत्व और दर्शकों की अपेक्षाएँ

रामायण का सांस्कृतिक महत्व भारत में किसी से छिपा नहीं है। यह कहानी न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह भारतीय मूल्यों, नैतिकता, और जीवन दर्शन का प्रतीक है। रामानंद सागर की रामायण ने 1980 के दशक में टेलीविजन पर एक इतिहास रचा था, और आज भी अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को भगवान राम और माता सीता के रूप में याद किया जाता है। नितेश तिवारी की यह फिल्म उसी विरासत को आगे ले जाने की कोशिश है, लेकिन एक आधुनिक और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ।

हालांकि, इस फिल्म के सामने चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। रणबीर कपूर के भगवान राम की भूमिका में कास्टिंग को लेकर कुछ विवाद भी हुए हैं। रामायण के लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने कहा था कि रणबीर की एनिमल जैसी फिल्म के बाद दर्शक उन्हें भगवान राम के रूप में स्वीकार करने में समय ले सकते हैं। दूसरी ओर, अरुण गोविल ने रणबीर की तारीफ की और कहा कि वे एक संस्कारी और अच्छे अभिनेता हैं, जो इस किरदार को बखूबी निभा सकते हैं।

निष्कर्ष

नितेश तिवारी की रामायण एक ऐसी फिल्म है, जो न केवल भारतीय सिनेमा के लिए, बल्कि वैश्विक सिनेमा के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। रणबीर कपूर और यश के बीच कम स्क्रीन टाइम का निर्णय एक रचनात्मक और प्रामाणिक कदम है, जो इस महाकाव्य की गहराई को और बढ़ाता है। यह फिल्म दर्शकों को राम और रावण की समानांतर यात्राओं के माध्यम से एक भावनात्मक और दृश्यात्मक अनुभव देने का वादा करती है।

2026 और 2027 की दीवाली पर रिलीज होने वाली इस फिल्म के लिए उत्साह चरम पर है। क्या यह फिल्म रामायण की विरासत को नए सिरे से परिभाषित कर पाएगी? क्या रणबीर और यश अपने किरदारों के साथ न्याय कर पाएंगे? ये सवाल समय के साथ जवाब पाएंगे, लेकिन एक बात निश्चित है—रामायण एक ऐसी कहानी है, जो हर पीढ़ी को प्रेरित करती रहेगी।

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